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Daughter Takes Kennedy’s Peace Torch To Japan – Hindi

केनेडी की पुत्री उनकी शांति मशाल को जापान ले जाती हैं

टैरो इशिकावा द्वारा

टोक्यो (आईडीएन) – कैरोलीन केनेडी उस समय महज 20 साल की थीं जब वे अपने चाचा स्वर्गीय सीनेटर एडवर्ड केनेडी के साथ हिरोशिमा गई थीं जहां 6 अगस्त, 1945 को पहले अमेरिकी बम हमले में 140,000 लोग मारे गए थे। सितंबर में सीनेट के समक्ष जापान में अमेरिकी राजदूत के रूप में अपनी नियुक्ति की पुष्टि की सुनवाई के दौरान उन्होंने कहा कि 1978 की उस यात्रा से वे काफी विचलित हुई थीं जिसमें हिरोशिमा शांति स्मारक संग्रहालय का दौरा भी शामिल था।

12 नवम्बर, 2013 को पदभार ग्रहण करने से पहले जापान के लोगों के लिए पोस्ट किए गए अपने वीडियो संदेश में उन्होंने कहा कि हिरोशिमा की उनकी यात्रा ने उनमें “एक बेहतर तथा अधिक शांतिपूर्ण दुनिया के लिए काम करने की गहन प्ररेणा को जन्म दिया है”।

जापान में अमेरिकी राजदूत के रूप में टोक्यो आने के एक महीने से भी कम समय में कैरोलीन केनेडी – जो राष्ट्रपति जॉन एफ। केनेडी की एकमात्र जीवित पुत्री हैं जिनकी लगभग 50 साल पहले नवंबर महीने में डलास में हत्या कर दी गई थी – ने पश्चिमी जापान स्थित नागासाकी का भी दौरा किया जिसे 9 अगस्त, 1945 को अमेरिकी परमाणु बमबारी का सामना करना पड़ा था।

राजदूत केनेडी को शहर के शांति उद्यान (पीस पार्क) में शहर पर अमेरिका के परमाणु बम हमले में मारे गए 73,000 लोगों (उस समय शहर के कुल 263,000 निवासियों के एक चौथाई से अधिक) की स्मृति में आयोजित समारोह के अवसर पर नागासाकी प्रीफेक्चुरल (नगर) सरकार द्वारा एक डॉगवुड वृक्ष – उन हजारों में से एक जिन्हें संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा दोस्ती के प्रतीक के रूप में जापान को भेंट दिया गया था – का रोपण करने के लिए आमंत्रित किया गया था। शांति उद्यान के आँकड़ों के अनुसार विकिरण से लगभग 75,000 लोग घायल हुए थे और हजारों रोग्रस्त हो गए थे।

वृक्षारोपण समारोह के दौरान उन्होंने कहा: “यहाँ आकर मैं काफी विचलित हुई हूँ; और पुरानी बातों को याद करते हुए आगे कहा: “राष्ट्रपति केनेडी इस बात को लेकर काफी गर्व महसूस करते थे कि वे परमाणु निरस्त्रीकरण की प्रक्रिया की शुरुआत कर सके और हमारा पूरा परिवार उस प्रतिबद्धता को साझा करता है। “ उन्होंने कहा: “राष्ट्रपति ओबामा भी इस मुद्दे पर बहुत मेहनत कर रहे हैं। “

इससे पहले, 27 नवंबर, 2013 को, राजदूत केनेडी ने जापान में अमेरिकी वाणिज्य मंडल (ACCJ) और टोक्यो में अमेरिका-जापान सोसायटी की एक सभा को बताया कि उनके पिता राष्ट्रपति केनेडी ने “एक मुश्किल समय में अमेरिका और जापान के रिश्ते मजबूत करने के लिए कड़ी मेहनत की थी, और मेरी मां, जापान यात्रा करने वाले पहले मौजूदा राष्ट्रपति होने की उनकी इच्छा के बारे अक्सर बातें किया करती थीं। “

उन्होंने कहा: “बचपन में, इस बात का मुझ पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा कि बावजूद इसके कि मेरे पिता की पीटी नाव (द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अमेरिका द्वारा तैनात टोर्पीडो से लैस तेज़ हमला करने वाला जहाज़) को जापानी ध्वंसक पोत ने डुबो दिया, फिर भी केवल 15 वर्ष पश्चात राष्ट्रपति के रूप में अपने अधिष्ठापन के दौरान जापानी कमांडर को निमंत्रित कर वे स्वयं को गर्वित महसूस कर रहे थे और भविष्य में अपनी राजकीय यात्रा पर दोनों पोतों के चालक दलों को एकजुट करने की संभावना के बारे में बहुत उत्साहित थे।

हमारे गहरे संबंधों के लिए यह एक महान दृष्टान्त है जो हमें याद दिलाता है कि जब हम विभाजित करने वाली चीज़ों के बजाय एकजुट करने वाली चीज़ों पर ध्यान दें, जब हम अतीत के बजाय भविष्य में देखें, वास्तव में तभी हम एक बेहतर दुनिया का निर्माण कर सकते हैं। “

परमाणु बम के हमले में जीवित बचे लोग (हिबाकुशा) और शांति कार्यकर्ताओं ने अनेकों बार बताया कि वे चाहते हैं अमेरिकी राष्ट्रपति उन दो जापानी शहरों का दौरा करें जो परमाणु हमले का शिकार हुए। हमें उम्मीद है कि राष्ट्रपति ओबामा हमारी इस बात पर प्रतिक्रिया देंगे,” एक शांति कार्यकर्ता ने कहा।

राजदूत केनेडी ने नागासाकी के मेयर तोमिहिसा तौए और अन्य अधिकारीयों के साथ नागासाकी एटॉमिक बॉम्ब म्यूज़ियम का दौरा किया, और आगंतुक पुस्तक पर हस्ताक्षर किये। उन्होंने नागासाकी विश्विद्यालय के पूर्व राष्ट्रपति हिदेओ सुचियामा और जापानी रेड क्रॉस नागासाकी जेंबाकू अस्पताल के निदेशक मसाओ टोमोनागा के साथ-साथ हिबाकुशा से भी मुलाकात की। रिपोर्ट के अनुसार राजदूत केनेडी को उन्हें यह कहते सुना गया कि वे मानती हैं कि परमाणु निरस्त्रीकरण की ओर उठाये जाने वाले प्रयासों को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है।

राजदूत केनेडी के कार्यक्रम में परमाणु हमले द्वारा नष्ट हुए उराकामी कैथीड्रल का दौरा भी शामिल था, जिसका पुनर्निर्माण द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात किया गया। पीस पार्क में, उन्होंने परमाणु हमले की पीड़ित आत्माओं को समर्पित शांति प्रतिमा के सामने फ़ूल अर्पण किये और जो शाश्वत शांति की आशा का प्रतीक है।

नागासाकी प्रांतीय सरकार के अनुसार, कैरोलीन केनेडी नागासाकी शहर का दौरा करने वाली पांचवी अमेरिकी राजदूत हैं। उनके पूर्व जॉन रूस ने हिरोशिमा और नागासाकी में हमलों की वर्षगाँठ पर शांति समारोह में हिस्सा लिया और ऐसा करने वाले वे प्रथम अमेरिकी राजदूत थे।

नागासाकी अपील

नागासाकी पर परमाणु हमले को श्रद्धांजलि देते हुए मेयर तोमिहिसा तौए ने, जो राजदूत की यात्रा के दौरान उनके साथ ही थे, अगस्त 9, 2013 को शांति अपीलजारी की, जिसमें कहा गया था: मौजूदा एनपीटी (परमाणु अप्रसार संधि) के तहत, परमाणु हथियारों से लैस राष्ट्रों का यह कर्तव्य है कि वे परमाणु निरस्त्रीकरण की दिशा में पूरी गंभीरता से प्रयास करें। शेष दुनिया से उन्होंने यह वादा किया है। अप्रैल 2009 में, संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने प्राग में एक भाषण के दौरान एक परमाणु मुक्त दुनिया की तलाश की अपनी इच्छा व्यक्त की। इस वर्ष जून में, राष्ट्रपति ओबामा ने बर्लिन में यह कहते हुए कि, ‘जब तक परमाणु हथियार मौजूद रहेंगे, हम सही मायनों में सुरक्षित नहीं रहेंगे। घोषणा की कि वे परमाणु हथियारों के जखीरे को कम करने की दिशा में और अधिक काम करेंगे। नागासाकी राष्ट्रपति ओबामा के दृष्टिकोण का समर्थन करता है। “

तौए ने खेद व्यक्त किया कि “अभी भी 17,000 से अधिक परमाणु हथियार मौजूद हैं, जिनमें से 90% या तो अमेरिका या रूस के पास हैं,” साथ ही उन्होंने ने यह भी कहा कि: “राष्ट्रपति ओबामा, राष्ट्रपति पुतिन, कृपया यह प्रण लें कि वे अपने देशों के परमाणु जखीरे को अधिक से अधिक और तेज़ी से कम करेंगे। बजाय इसके की परमाणु-मुक्त दुनिया को एक बहुत दूर का सपना मान लिया जाए, हमें इन हथियारों को नष्ट कर इस समस्या को निपटाने के लिए शीघ्र निर्णय लेना चाहिए, जिससे विश्व को किये गए वादे को पूरा किया जा सके। “

कैरोलीन केनेडी द्वारा जापान के राजदूत के रूप में कार्यभार संभालने से लगभग एक सप्ताह पहले, नागासाकी शहर ने नवंबर 2 से नवंबर 4, 2013 के बीच 5वींनागासाकी ग्लोबल सिटिजंस असेंबली फॉर द एलिमिनेशन ऑफ न्यूक्लियर वेपंस की मेजबानी की। सभा में जापान और विदेशों से गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) के प्रतिनिधियों और वैज्ञानिकों ने हिस्सा लिया।

उस सभा में न्यूक्लियर एज पीस फाउन्डेशन के राष्ट्रपति डेविड क्रीगर, एक प्रख्यात प्रतिभागी और वक्ता ने भी भाग लिया, जो नागासाकी शहर के आमंत्रित अतिथि के रूप में पिछली चार बैठकों में हिस्सा ले चुके हैं, और जिन्होंने सभी नागासाकी अपीलों का मसौदा तैयार करने में हिस्सा लिया।

क्रीगर ने आईडीएन को बताया कि, अपील की एक मुख्य विशेषता यह है कि वह “परमाणु हथियारों पर रोक और उनके उन्मूलन पर वार्ता आरंभ करने के साथ-साथ कुछ ठोस कदम उठाने की बात करती है, जिसमें अमेरिका और रूस द्वारा एकतरफा और द्विपक्षीय परमाणु निरस्त्रीकरण के उपायों की दिशा में काम करना; सभी देशों की सुरक्षा नीतियों में परमाणु हथियारों पर निर्भरता को चरणबद्ध तरीके से कम करना; परमाणु उन्मूलन अभियान में नागरिकों की बड़ी भूमिका का होना; नए परमाणु हथियार-मुक्त क्षेत्रों की स्थापना आदि शामिल हैं। “

उस अपील में कहा गया है कि जुलाई 22, 2010 को एक संयुक्त वक्तव्य में जापान में 532 स्थानीय प्राधिकरणों के नेताओं सहित जापानी और दक्षिण कोरियाई सांसदों के सभी 83 राजनितिक दलों ने पूर्वोत्तर एशिया में परमाणु-मुक्त क्षेत्र के लिए समर्थन दिया है। सितम्बर 2013 में, मंगोलिया के राष्ट्रपति ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में पूर्वोत्तर एशिया में एक परमाणु हथियार मुक्त क्षेत्र की स्थापना में हिस्सा लेने की अपने देश की इच्छा जताई।

इसके अलावा: नागासाकी ग्लोबल सिटिजंस असेंबली में प्रतिभागियों ने “परमाणु हथियारों से मुक्त दुनिया प्राप्त करने के अथक प्रयासों” को जारी रखने का वचन दिया, और दावे के साथ कहा कि: “नागासाकी परमाणु हमले से नष्ट होने वाला अंतिम शहर होना चाहिए। “ क्रीगर मानते हैं कि, मानवता और भविष्य के लिए यह अनिवार्य लक्ष्य होना चाहिए। परमाणु युग में इस ग्रह पर रहने वाले हम सभी के लिए यह एक बहुत बड़ी चुनौती है। नागासाकी अपनी ओर से इस दिशा में हर संभव प्रयास कर रहा है। उन्हें हमारी आवाज़ और प्रतिबद्धता की ज़रूरत है। “

जैसा की राजदूत ने कहा, क्योंकि “कार्य द्वारा परिवर्तन आता है”, “और इसके लिए धीरज चाहिए,” शांति और निरस्त्रीकरण के लिए केनेडी की प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए अभी बहुत कुछ करने की आवश्यकता है, खासकर जबकि 17,300 परमाणु हथियार अभी भी शेष हैं, जो मानवता और पृथ्वी पर अधिकतर जीवन के अस्तित्व के लिए बहुत बड़ा खतरा हैं, नवंबर 2013 की नागासाकी अपील बताती है। [IDN-InDepthNews – 12 दिसंबर, 2013]

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